‘परीक्षा पे चर्चा’ के सातवें संस्करण का आयोजन
29
जनवरी 2023, हिन्दी विभाग, केरल
केन्द्रीय विश्वविद्यालय के छात्रों को ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम को देखने की व्यवस्था विभाग के कक्ष संख्या 213 में की गयी। कार्यक्रम में हिन्दी विभाग के अध्यक्ष प्रो.(डॉ.)
मनु,
प्रो.(डॉ.)
तारु
एस. पवार,
सहायक
आचार्य डॉ. सीमा
चंद्रन, डॉ.
धर्मेंद्र
प्रताप सिंह, डॉ.
राम
बिनोद रे, डॉ.
सुप्रिया
पी सहित शोध छात्र व स्नातकोत्तर छात्र-छात्राओं
की उपस्थिति रही।
प्रधानमंत्री
माननीय श्री नरेंद्र मोदी ने ‘परीक्षा
पे चर्चा’ के
सातवें संस्करण में देश भर के छात्रों, शिक्षकों
व अविभावकों से परीक्षा व कैरियर से संबन्धित दो घंटे की परिचर्चा के दौरान छात्रों,
शिक्षकों
व अविभावकों द्वारा परीक्षा के समय में तनाव,
कैरियर,
स्वास्थ्य
तथा पढ़ाई के मध्य संतुलन स्थापित करने पर ज़ोर दिया। परीक्षा के दौरान तनाव को कैसे
संभालें?, दोस्तों
के बीच स्पर्धा क्यों?, पढ़ाई
और स्वास्थ्य में सामंजस्य कैसे स्थापित करें?,
विद्यार्थी
जीवन में तनाव और मोबाइल का क्या संबंध है?
और
विद्यार्थी के लिए व्यायाम व खेल-कूद
कितना आवश्यक है? जैसे
प्रश्नों पर चर्चा हुई जिसमें प्रधानमंत्री जी ने माता-पिता
व शिक्षकों की भूमिका को स्पष्ट किया। प्रधानमंत्री जी ने माता-पिता
द्वारा बच्चों पर डाले जाने वाले प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष दबावों का उल्लेख करते हुए
कहा कि कुछ माँ-बाप
बच्चों के रिपोर्ट कार्ड को अपना विजिटिंग कार्ड बना लेते हैं जो सही नहीं है और अनावश्यक
दबाव का कारण बनता है। आजकल के बच्चों की लिखने की आदत कम हो गयी है। पढ़ने के साथ-साथ
जितना लिखेंगे उतना ही आत्मविश्वास भी बढ़ेगा।
उपर्युक्त कार्यक्रम में भारत के सभी हिस्सों से प्रश्न आए, जिसका जवाब प्रधानमंत्री जी ने बेहद सरल अंदाज़ में दिया। दोस्ताना अंदाज में सवाल-जवाब के साथ ही प्रधानमंत्री जी ने तकनीकी के खतरे, मोबाइल उपयोग के प्रति छात्र और अविभावक की नैतिक ज़िम्मेदारी, नयी शिक्षा नीति आदि विषय चर्चा के केंद्र में रहे। प्रधानमंत्री ने बच्चों द्वारा अत्यधिक मोबाइल का उपयोग करने व रील्स देखने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि “अगर आप एक के बाद एक रील्स देखते रहेंगे तो काफी समय बर्बाद हो जाएगा, आपकी नींद खराब होगी। नींद, खेल व पढ़ाई का संतुलन स्वस्थ जीवन के लिए आवश्यक है। आधुनिक हेल्थ साइंस भी नींद के महत्व पर जोर देती है।”
-प्रदुन
कुमार
शोधार्थी,
हिन्दी
विभाग
केरल
केंद्रीय विश्वविद्यालय
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