हिन्दी विभाग में डॉ. एस० तंकमणि अम्मा का स्नेहपूर्ण आगमन


दिनांक 04 जनवरी 2024,  डॉ. एस० तंकमणि अम्मा का केरल केंद्रीय विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में स्नेहपूर्ण आगमन हुआ। डॉ. एस० तंकमणि अम्मा केरल के प्रमुख हिन्दी सेवकों में से एक हैं। हाल ही में उनके द्वारा चित्रा मुद्गल के विख्यात उपन्यास 'आँवा' का मलयालम अनुवाद किया गया है। डॉ. एस० तंकमणि अम्मा द्वारा अनेकों रचनाएँ हैं जिनमे कुछ प्रमुख हैं : 'मलयालम के खंडकाव्य’, ‘आधुनिक हिन्दी खंडकाव्य’, ‘संस्कृति के स्वर’, ‘भारतीय संस्कृति : एक झलक’, ‘सम्‍प्रेषण की हिन्दी’ (मौलिक); ‘मोहन राकेश’, ‘गोत्रयान’, ‘स्वयंवर’, ‘कर्मयोगी’, ‘कठगुलाब’, ‘अन्दर कोई’, ‘एक आसमान’, ‘एक सूरज’, ‘एन. कृष्ण पिल्लै’, ‘करारनामा’, ‘आवाँ’, ‘अग्निसामर से अमृत’, ‘मलयालम की लोकप्रिय कहानियाँ’ आदि (अनूदित)। इसके अलावा डॉ. एस० तंकमणि अम्मा के 300 से ज्‍़यादा आलेख प्रकाशित हो चुके हैं। ‘केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय पुरस्कार’ (1990); ‘सौहार्द पुरस्कार’, उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान (2000); ‘विश्व हिन्दी सम्मान’, सातवाँ विश्व हिन्दी सम्मेलन, सूरीनाम, प्रयाग (2012); आदि से भी डॉ. एस० तंकमणि अम्मा को सम्मानित किया जा चुका है।  

प्रस्तुति 

तरुण कुमार, 

शोधार्थी हिन्दी विभाग, केरल केन्द्रीय विश्वविद्यालय 

केरल केंद्रीय विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में डॉ. एस० तंकमणि अम्मा ने विभाग के सभी शिक्षक-गणों से भेंट कर विभाग के कार्य-प्रगति पर व्यापक चर्चा की। साथ ही डॉ. एस० तंकमणि अम्मा ने स्नातकोत्तर विद्यार्थियों से भी भेंट कर लघु व्याख्यान दिया और अपने व्यापक अनुभवी वाणी से छात्र छात्राओं को लाभान्वित किया। भाषा एवं तुलनात्मक साहित्य विभाग के अधिष्‍ठाता प्रो. जोसफ कोयिपल्ली से भी डॉ. एस० तंकमणि अम्मा ने भेंट की। हमेशा से डॉ. एस० तंकमणि अम्मा का स्नेह केरल केंद्रीय विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग को मिलता रहा है। हिन्दी विभाग उनके इस अपार स्नेह के प्रति कृतज्ञ है।  

विभाग के स्नातकोत्तर विद्यार्थियों को संबोधित करती डॉ. एस० तंकमणि अम्मा


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