'केरल में पर्यटन : संभावनाएं और चुनौतियाँ' विषय पर हजारी प्रसाद द्विवेदी की 116वीं जयंती के उपलक्ष्य में विचार गोष्ठी
23 अगस्त 2023, शोध मंच हिन्दी विभाग केरल केन्द्रीय विश्वविद्यालय द्वारा 'केरल में पर्यटन : संभावनाएं और चुनौतियाँ' 116वीं हजारीप्रसाद द्विवेदी जयंती के उपलक्ष्य में विचार गोष्ठी आयोजित हुई जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में पर्यटन अध्ययन विभाग के डॉ. सुनील तिवारी उपस्थित थे। व्याख्यान की अध्यक्षता प्रो. तारु एस. पवार ने की। व्याख्यान की शुरुआत में शोध मंच के सह-संयोजक और गोष्ठी के संयोजक डॉ. रामविनोद रे द्वारा सबका स्वागत किया गया। स्वागतीय व्यक्तव्य देते हुए उन्होंने प्रस्तावित विषय की प्रासंगिकता रेखांकित करते हुए कहा कि द्विवेदी जी का लेखन और पर्यटन इन दोनों का आपस में परोक्ष सम्बन्ध है तथा अब हमें चिंतन में नए विकल्प तलाशने की आवश्यकता है। औपनिवेशिक और सामंतवादी चिंतन से बाहर निकलकर चिंतन करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए अपना व्यक्तव्य खत्म किया। अध्यक्षीय भाषण देने के लिए विभाग के प्रो. तार एस. पवार ने पर्यटन के सांस्कृतिक महत्व को रेखांकित करते हुए हजारी प्रसाद द्विवेदी के साहित्यिक योगदान पर विचार रखा। मुख्य वक्ता के तौर पर डॉ. सुनील तिवारी जी ने 'Why Kerala Matters for Tourism' शीर्षक से अपना वक्तव्य प्रस्तुत किया। केरल में पर्यटन के महत्व और उसकी उपादेयता को उन्होंने काफी गंभीरता से रेखांकित किया तथा पर्यटन के सांस्कृतिक, आर्थिक, सामाजिक महत्व को श्रोताओं के सम्मुख बखूबी से रखते हुए अपने विचारों को विराम दिया। तत्पश्चात विभाग की शोध छात्रा शेफाली राय द्वारा हजारी प्रसाद द्विवेदी के साहित्यिक योगदान पर आधारित प्रपत्र प्रस्तुत किया। उन्होंने उनके निबंधों, उपन्यासों, इतिहास लेखन आदि की परंपरा तथा उनसे गुजरते हुए उनके व्यक्तित्व जीवन की भी झलक प्रस्तुत की। कार्यक्रम का अंत विभाग के सहायक आचार्य धर्मेन्द्र प्रताप सिंह द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया। विचार गोष्ठी के दौरान हिन्दी विभागाध्यक्ष, विभागीय शिक्षक के साथ एम. ए. और पीएच. डी. के 31 प्रतिभागियों ने सहभागिता की।
प्रस्तुति
पारुल, शोधार्थी, हिन्दी विभाग केरल केन्द्रीय विश्वविद्यालय
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