केरल केंद्रीय विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग द्वारा शैक्षणिक भ्रमण यात्रा


दिनांक 15 फरवरी 2025, केरल केंद्रीय विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के ऐच्छिक पाठ्यक्रम "सांस्कृतिक पर्यटन : केरल के संदर्भ में" के एम.ए. प्रथम तथा द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों के लाभार्थ हेतु द्वितीय वर्ष के विषयाचार्य डॉ. सुप्रिया पी. तथा प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों के विषयाचार्य डॉ.सीमा चंद्रन के संयोजन में केरल के कासरगोड जिले के चार प्रमुख पर्यटन स्थलों के भ्रमण के लिए एक दिवसीय शैक्षणिक भ्रमण यात्रा का आयोजन किया गया। 

निर्धारित समय 9:30 बजे के अनुसार सिंधु ब्लॉक के पास भ्रमण यात्रा में शामिल सभी विद्यार्थी, विषयाचार्य डॉ.सुप्रिया पी. तथा डॉ.सीमा चंद्रन तथा छात्रों के उत्साहवर्धन  बढ़ाने के लिए  विभाग के सदस्य डॉ.धर्मेंद्र प्रताप सिंह एकत्रित हुए एवं बिना विलंब किए आवश्यक वस्तुओं जैसे पानी की बोतलें, कुछ फल तथा पोर्टेबल म्यूजिक सिस्टम को बस में रखते हुए पहले गंतव्य स्थान लगभग 10:00 बजे कांजनगढ़ के स्वामी नित्यानंद आश्रम पहुंचे। 

सफर के दौरान डॉ.सुप्रिया पी. मैम ने सभी विद्यार्थियों को आवश्यक जानकारी दी तथा द्वितीय वर्ष की छात्रा देवनंदा आर.  ने स्वामी नित्यानंद आश्रम के बारे में परिचय देते हुए मुख्य  रूप में बताया कि आश्रम के संस्थापक आचार्य नित्यानंद स्वामी ने एक ही लेटराइट पत्थर से 43 छोटे-छोटे गुफाओं का निर्माण किया था तथा उन्हें गुफाओं के ऊपर 1963 में आश्रम का मुख्य मंदिर का निर्माण किया गया था। आश्रम में प्रवेश करने के पश्चात सबसे पहले मुख्य मंदिर का दर्शन किये । मंदिर के एक पुजारी से डॉ. सुप्रिया पी.  मैम के अलावा विद्यार्थी लाल बाबू तथा अन्य विद्यार्थियों ने आश्रम के बारे में जानकारी प्राप्त की। उसके बाद नीचे नित्यानंद स्वामी के निवास कक्ष के साथ उन 64 गुफाओं को देखने का भी मौका मिला जहां योग के विभिन्न मुद्राओं के छोटे-छोटे आकृतियां वाले पोस्टर लगे हुए थे। 

आश्रम में लगभग 40 मिनट घूमने के पश्चात भ्रमण यात्रा की अगली कड़ी में लगभग 12 बजे कुंबला से लगभग 6 कि.मी.  दूरी पर स्थित अनंतपुरा के अनंतपद्मनाभस्वामी झील मंदिर पहुंचे। मंदिर पहुंचने से पहले यात्रा के दौरान सभी विद्यार्थियों को संतरे दिए गए तथा द्वितीय वर्ष की छात्रा शिल्पा के.  ने मंदिर का संक्षिप्त परिचय दिया जिसमें छात्रा ने मंदिर के इतिहास, पवित्र शाकाहारी मगरमच्छ ‘बाबिया’ जिक्र करते हुए कुछ किंवदंतियों के बारे में बताया जैसे कि मंदिर से एक गुफा के जरिए तिरुवनंतपुरम के अनंत पद्मस्वामी मंदिर तक पहुंचा जा सकता था तथा यह भी बताया कि बाबिया मगरमच्छ के मृत्यु के पश्चात झील में ऐसा ही एक और मगरमच्छ को देखा गया है। मंदिर में गर्भगृह के दर्शन के बाद परिक्रमा की गई एवं प्रथम वर्ष की छात्रा कीर्ति ने सभी को प्रसाद दिया। लगभग 1 घंटा मंदिर दर्शन के पश्चात बस उडुपी गार्डन रेस्टोरेंट में रुकी जहां भोजन में केरल के पारंपरिक भोजन तथा फ्राइड राइस और चिल्ली पनीर ग्रहण किया। 

भोजन करने के पश्चात भ्रमण यात्रा के अगले स्थान के रूप में केरल की पहली मस्जिद ‘मलिक दिनार मस्जिद’ लगभग 2:30 बजे पहुंचे। इस मस्जिद के विषय में द्वितीय वर्ष के छात्र अभिषेक ने मुख्य रूप से जानकारी साझा करते हुए बताया कि 623-25 ई. के आसपास मलिक दिनार व्यवसाय के उद्देश्य से केरल आते है तथा राजा तिरुवल की सहायता से इस मस्जिद की नींव रखने की बात बताई और यह भी बताया कि यह एक ऐसी मस्जिद है जहां एक दरगाह भी है अर्थात मलिक दिनार की कब्र भी है। मस्जिद, मलिक दिनार के कब्र के साथ सभी ने उसके स्थापत्य कला को बारीकी से देखा। फिर सभी ने मस्जिद के नीचे बह रही नदी के प्राकृतिक सौन्दर्य का आनंद लेते हुए फोटो खिचवाया। सबसे महत्वपूर्ण बात यह था की मस्जिद के दर्शनार्थ महिलाओं के लिए अलग स्थान था तथा मस्जिद के सामने एक कब्रिस्तान भी देखने को मिला। 

मस्जिद से निकलने के बाद यात्रा की अंतिम कड़ी बेकल किला पहुंचे। वहाँ पहुंचने से पूर्व छात्र लाल बाबू ने बेकल किला के इतिहास के साथ-साथ उसकी वास्तुकला, किले में तोप रखने के प्रमुख स्थान, दुश्मनों के निगरानी वाले जगह के बारे में विस्तार से बताया। टिकट लेते हुए लगभग 4:00 बजे किले में प्रवेश करते है। किले के प्रमुख स्थानों पर घूमने के पश्चात एक छायादार स्थान पर कुछ देर आराम और हंसी, मजाक-मस्ती हुआ। सभी ने केरल के प्रसिद्ध तापियोंका चिप्स खाते हुए अरब सागर के प्राकृतिक दृश्य का लुफ्त उठाते हुए डांस किया, फोटो भी खींचा। वहां से निकलने में  शाम के 5:30 बज गए थे। अंत में सभी ने आइसक्रीम खाते हुए बस में बैठे और फिर यूनिवर्सिटी वापस आ गए। पूरी यात्रा के दौरान विद्यार्थियों ने जमकर डांस किया जिसमें समय-समय पर मैम ने भी साथ दिया।  


प्रस्तुति- मनोज बिस्वास, शोधार्थी, हिन्दी विभाग, केरल केन्द्रीय विश्वविद्यालय 

नित्यानन्द आश्रम, कांजनगाड, केरल  के मुख्य द्वार पर विद्यार्थी समूह 
नित्यानन्द आश्रम, कांजनगाड, केरल 
अनंतपुरा झील मंदिर 
मलिक दीनार, तलंगकरा 
बेकल फोर्ट

Comments

  1. मनोज को अच्छी फोटोग्राफी के लिए धन्यवाद 💐 💐 🙏

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular posts from this blog

दो-दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी द्वारा पर्यावरणीय विमर्श पर मंथन : हिन्दी एवं तुलनात्मक साहित्य विभाग का हरित संवाद

'भारतीय ज्ञान परंपरा और वैश्विक हिन्दी' विषय पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन

नॉटनल ई-पत्रिका पोर्टल प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन