भाषाएँ जनमानस को जोड़ सकती हैं- प्रो. एच. वेंकटेश्वरलू
29.05.2023, कासरगोड : केरल केन्द्रीय विश्वविद्यालय के हिन्दी प्रकोष्ठ तथा हिन्दी विभाग के संयुक् तत्वावधान में, समग्र शिक्षा केरल (एसएसके), होसदुर्ग, कासरगोड के सहयोग से होसदुर्ग शैक्षणिक उप जिले में कार्यरत अध्यापकों के लिए एक दिवसीय हिन्दी कार्यशाला के दौरान उक्त विचार केरल केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एच. वेंकटेश्वरलू ने प्रकट किये। यह कार्यक्रम ब्लॉक रिसोर्स सेंटर (बी.आर.सी), होसदुर्ग में आयोजित किया गया । कार्यक्रम का उद्घाटन केरल केन्द्रीय विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो. एच वेंकटेश्वरलु द्वारा किया गया । उद्घाटन भाषण के दौरान माननीय कुलपति जी ने बताया कि भारत एक बहुभाषी और बहु-सांस्कृतिक राष्ट्र है और इस देश के लोगों के बीच भावात्मक एकता बनाए रखने में हिन्दी की महत्वपूर्ण भूमिका है । एक केन्द्रीय संस्थान के रूप में, यह विश्वविद्यालय की ज़िम्मेदारी है कि उस समाज में हिन्दी भाषा को बढावा देना जहाँ यह विश्वविद्यालय स्थापित है । शैक्षणिक रूप से देखने पर भी, अपने चारों तरफ़ के शैक्षणिक क्षेत्रों को ऐसे विस्तार कार्यक्रमों के ज़रिए प्रेरित करना विश्वविद्यालय का उत्तरदायित्व है । कासरगोड जिले के जनजातीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य और विकास के संबंध में जागरूकता कार्यक्रम और शिविर भी विश्वविद्यालय चलाता है। उन्होंने आश्वासन दिया कि सी.यू.के भविष्य में एस.एस.के, कासरगोड के सहयोग से अध्यापकों के लिए विषयवार अभिविन्यास कार्यक्रम आयोजित कर सकता है।
प्रो. मनु, अध्यक्ष, हिन्दी विभाग, केरल केन्द्रीय विश्वविद्यालय ने उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता की । श्री बालन मास्टर, सेवानिवृत्त एच.एस.एस.टी, श्री राजगोपालन, बी.आर.सी प्रशिक्षक और श्रीमती विजयलक्ष्मी, भतपूर्व खंड परियोजना समन्वयक, बी.आर.सी, होसदुर्ग ने समारोह में आशीर्वचन दिया । डॉ. अनीश कुमार टी के, हिन्दी अधिकारी, केरल केन्द्रीय विश्वविद्यालय ने स्वागत भाषण दिया और डॉ. के .वी. राजेष, खंड परियोजना समन्वयक, एस.एस.के, होसदुर्ग ने कृतज्ञता ज्ञापित की । श्रीमती अमिता एस., हिन्दी अनुवादक, केरल केन्द्रीय विश्वविद्यालय कार्यक्रम की संयोजिका रही ।
कार्यशाला दो सत्रों में आयोजित की गई । ‘बोलचाल की हिन्दी और प्रयोग’ विषय पर आयोजित प्रथम सत्र में प्रो. मनु, अध्यक्ष, हिन्दी विभाग ने कक्षाएँ लीं । उन्होंने हिन्दी भाषा का विकास और उस की भाषावैज्ञानिक विशेषताओं पर व्याख्यान दिया । डॉ. अनीश कुमार टी के, हिन्दी अधिकारी, केरल केन्द्रीय विश्वविद्यालय ने ‘राजभाषा हिन्दी का महत्व’ विषय पर द्वितीय सत्र चलाया । उन्होंने भारत सरकार की राजभाषा नीति और संघ के राजकीय प्रयोजनों के लिए हिन्दी भाषा कार्यान्वित करने के महत्व पर प्रकाश डाला । समापन सत्र में श्री सुब्रह्मण्यन, बी.आर.सी, होसदुर्ग ने अध्यक्षता की और श्रीमती विजयलक्ष्मी, भूतपूर्व बी.पी.सी, होसदुर्ग ने स्वागत भाषण दिया ।
समापन समारोह के दौरान प्रशिक्षणार्थियों में से श्रीमती ऋजु, श्री बाबुराज, श्रीमती शारदा और डॉ. ओ. सी. कृष्णन ने अपनी प्रतिक्रियाएँ व्यक्त कीं। प्रो. मनु और डॉ अनीश कुमार.टी.के द्वारा प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र वितरित किए गए । श्री रिनारायणनपीजीएच.स.ए, कक्काट ने कृतज्ञता ज्ञापित की ।
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