15-17 फ़रवरी 2023, केरल केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए यह हर्ष और गौरव
की बात रही जब भारत सरकार के विदेश मंत्रालय द्वारा इस हिंदी सम्मेलन में
प्रतिनिधि के तौर पर विश्वविद्यालय के हिन्दी एवं तुलनात्मक साहित्य विभाग की सहायक
आचार्य डॉ. सुप्रिया पी. को चुना गया। उनका इस विश्व हिंदी सम्मेलन में शामिल
होना विश्वविद्यालय के लिए गौरवपूर्ण क्षण था। ‘केरल में हिंदी भाषा और साहित्य का
विकास’ विषय
पर बोलते हुए उन्होंने भारतीय क्षेत्रों में भाषाई स्तर पर जो विविधता है उसको
स्पष्ट करते हुए यह बताया कि किस प्रकार हिन्दी राष्ट्रों को प्रेम और एकता के
सूत्र में बाँधने का कार्य कर रही है। केरल में हिंदी भाषा का प्रचार एवं प्रयोग, दक्षिण
भारत हिंदी प्रचार सभा और अन्य संस्थाओं का अहिन्दी प्रदेश में साहित्य एवं शिक्षण
में योगदान का जिक्र करते हुए इस विकास यात्रा को चार सोपानों में उन्होनें
प्रस्तुत किया। अंत में श्रोताओं का ध्यान आकर्षित करते हुए उन्होंने कहा कि अहिंदी
प्रदेशों में जो कार्य हिंदी में हो रहा है उसको हिंदी की मुख्यधारा के साथ जोड़कर
ही हिंदी को सशक्त किया जा सकता है।
भाषा की सरलता, सहजता और शालीनता अभिव्यक्ति को
सार्थकता प्रदान करती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह कथन हिंदी के महत्व को
वैश्विक पटल पर रेखांकित करने के लिए काफ़ी है। विश्व हिंदी सम्मेलन की परिकल्पना राष्ट्रभाषा
प्रचार समिति, वर्धा 1973 में
की गई थी। जिसके परिणामस्वरूप पहला विश्व हिन्दी सम्मेलन 10-12 जनवरी, 1975, नागपुर भारत में आयोजित किया
गया। तब से लेकर आज तक 12 विश्व
हिंदी सम्मेलन आयोजित किए जा चुके हैं। 12वाँ
विश्व हिंदी सम्मेलन अभी हाल ही में 15-17
फ़रवरी 2023 को विदेश मंत्रालय भारत सरकार
और फ़िजी सरकार के साझे सहयोग से सम्पन्न हुआ। इसका उद्देश्य वैश्विक स्तर पर
हिन्दी को स्थापित कर उसको और अधिक विस्तार देने के साथ समृद्ध करना रहा है। इस
विश्व हिंदी सम्मेलन में दुनियाभर के हिंदी प्रेमियों और हिंदी विद्वानों ने भाग लिया। भारत वर्ष के विभिन्न कोनों से
साहित्यकारों, अध्यापकों, विद्यार्थियों और साहित्य प्रेमियों ने भी इस विश्व
हिंदी सम्मेलन में बढ़ चढ़कर हिस्सेदारी लेते हुए वैश्विक पटल पर हिन्दी के प्रति
अपना प्रेम दिखाया।
|
विदेश राज्य मंत्री श्री वी. मुरलीधरन के साथ विश्व हिन्दी सम्मेलन स्थल पर डॉ. सुप्रिया पी.
|
|
प्रो. श्रीलता, प्रो. कुमुद शर्मा, डॉ. पंकज प्रसून, प्रो. नारायण राजू |
|
केरल के प्रतिभागियों के साथ डॉ. सुप्रिया
|
|
डॉ. मैक्सिम (रूस), डॉ.तदम रुति (अरुणाचल प्रदेश) , डॉ. कट्टीमनी, डॉ. सजित
|
|
डॉ. बालेन्दु शर्मा दथीच, प्रो. तंकमणि अम्मा, प्रो. प्रसन्न कुमारी, डॉ. अशोक ज्योति, प्रो. अशोक बी, डॉ. नागरत्ना
|
Superb
ReplyDeleteCongratulations Dr.Supriya Mam
ReplyDeleteCongrats
ReplyDelete