विश्व हिन्दी दिवस के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित
10 जनवरी 2018, हिन्दी एवं तुलनात्मक साहित्य विभाग द्वारा विश्व हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में ‘विश्व स्तर पर हिन्दी का बढ़ता महत्त्व’ विषय पर विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया जिसका उद्घाटन केरल केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डॉ.) जी. गोप कुमार ने करते हुए कहा कि हिन्दी का महत्त्व विश्व स्तर पर बढ़ रहा है। उन्होंने अपने विद्यार्थी जीवन को याद करते हुए हिन्दी से जुड़े हुए कुछ संस्मरण सुनाते हुए कहा कि हिन्दी के बिना आप संपूर्ण देश को नहीं पहचान सकते। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रो. सुधा बालकृष्णन ने कहा कि हिन्दी दिनोंदिन अपने आधिपत्य को बढ़ाती जा रही है। इसे विश्व भाषा बनाने के लिए हमें कथनी और करनी में एकरूपता लानी होगी। हिन्दी एक सेतु है जो पूरे देश की भाषाओं को जोड़ने का काम करती है और समाज में सद्भवना के विकास में सहायक है। बीज वक्तव्य के लिए विद्यारण्य कॉलेज धारवाड़ से आये डॉ. सुरेश मारुतिराव मुले ने छात्रों को हिन्दी अनुप्रयोग के लिए उत्साहित करते हुए कहा कि इस भाषा का अध्ययन करने वाले के लिए रोजगार की किसी भी प्रकार से कमी नहीं है। हिन्दी भाषा के ईमानदारी हमें अच्छे अवसर प्रदान कर सकती है। इस दौरान डॉ. मारुतिराव मुले जी ने स्वरचित कविताओं का पाठ भी किया। विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. ए. राधाकृष्णन नायर ने विश्वविद्यालय में हिन्दी को बढ़ावा देने का संकल्प लिया। इस अवसर पर भाषा एवं तुलनात्मक साहित्य विद्यापीठ के संकायाध्यक्ष प्रो. एन. अजित कुमार ने हिन्दी को राष्ट्रभाषा बताते हुए हिन्दी और मलयालम जोड़कर शोध करने को प्रोत्साहित किया। केरल केंद्रीय विश्वविद्यालय के राजभाषा के सहायक निदेशक डॉ. अनीश कुमार टी के ने सभी राज्यों में त्रिभाषा सूत्र को अपनाने की बात कही जिससे भाषाओं के बीच आपसी सौहार्द बना रहे। इस कार्यक्रम के संयोजक हिन्दी विभाग के उपाचार्य डॉ. तारु एस. पवार और सह-संयोजक डॉ. सुप्रिया पी रही। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. रामबिनोद रे ने किया।
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