'हिन्दी सिनेमा में गीतों का सफर' विषय पर व्याख्यान
07 नवम्बर 2025, केरल केन्द्रीय विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में शोध-मंच द्वारा, सिंधु ब्लॉक के कक्ष संख्या 213 में ‘हिन्दी सिनेमा में गीतों का सफर: समाज, संस्कृति और समय की गूँज’ विषय पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) मनु के स्वागत भाषण से हुआ। उन्होंने सभी का स्वागत किया और वक्ता का परिचय दिया। स्वागत करते हुए हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) मनु
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता कण्णूर विश्वविद्यालय
के पूर्व हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. टी. शशिधरन थे। उन्होंने ‘हिन्दी
सिनेमा में गीतों का सफर’
विषय पर एक अत्यंत गहन और विशेषज्ञ व्याख्यान प्रस्तुत किया। अपने व्याख्यान के
दौरान उन्होंने विषय की बेहतर समझ और माहौल को जीवंत बनाने के लिए कई प्रासंगिक
गीतों के अंश भी चलाकर सुनाए जिससे श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए।
डॉ.
टी. शशिधरन, कण्णूर
विश्वविद्यालय के पूर्व हिन्दी विभागाध्यक्ष
व्याख्यान के बाद एक प्रश्नोत्तरी एवं
चर्चा सत्र भी चला। इसमें उपस्थित लोगों ने वक्ता से कई प्रश्न पूछे। हिन्दी विभाग
के सहायक प्रोफेसर डॉ. राम बिनोद रे ने विशेष रूप से हिन्दी गीतों के इतिहास पर
वक्ता के साथ एक सार्थक और विस्तृत चर्चा की। इस अवसर को और भी संगीतमय बनाते हुए विभाग
के शोध-छात्रों और अन्य विद्यार्थियों ने कुछ गीत प्रस्तुत किए:
शोध-छात्र
बाबुलाल ने 'तू
रंग शरबतों का' गीत
गाया।
भौतिकी
विभाग (MSc. Physics) की
प्रथम वर्ष की छात्राओं मारिया और अमृता ने मिलकर 'ये
रातें ये मौसम नदी का किनारा' गीत
प्रस्तुत किया
कार्यक्रम का कुशल मंच संचालन एम.ए. (हिन्दी) की छात्रा प्रत्युषा प्रमोद द्वारा किया गया। अंत में एम.ए. की छात्रा विनीता ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया। इस संपूर्ण और सफल कार्यक्रम की संयोजक डॉ. सुप्रिया पी. थीं।
रिपोर्ट लेखन- तरुण कुमार, शोधार्थी, हिन्दी विभाग, केरल केन्द्रीय विश्वविद्यालय
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