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Showing posts from March, 2023

केरल केन्द्रीय विश्वविद्यालय का छठा दीक्षांत समारोह (6th Convocation of Central University of Kerala)

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25 मार्च 2023, केरल केन्द्रीय विश्वविद्यालय का छठा दीक्षांत समारोह हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ। दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में माननीय शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष सरकार ने छात्रों को उनकी डिग्रियाँ वितरित करते हुए उन्हें देश और समाज के लिए प्रतिबद्द होने की सलाह दी। माननीय विदेश कार्य एवं संसदीय कार्य मंत्री श्री वी मुरलीधरण समारोह के विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। केरल केंद्रीय विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो. एच. वेंकटेश्वरलू ने दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता की। दीक्षांत समारोह में विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. मुरलीधरन नंबियार और कार्यवाहक परीक्षा नियंत्रक  प्रो. मुहम्मद उण्णी एलियास मुस्तफा   भी मौजूद थे। छठे दीक्षांत समारोह में हिंदी विभाग के 28 विद्यार्थियों को स्नातकोत्तर और 6 को पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई।  पीएचडी की उपाधि  प्राप्त करने वाले शोधार्थी हैं-  1. सीमा दास - अभिमन्यु अनत के साहित्य में प्रवासियों का समाजशास्त्रीय अध्ययन (निर्देशक- डॉ. सीमा चंद्रन) 2. दिलना के -  ओमप्रकाश वाल्मीकि के साहित्य में पुनर्वास की समस...

साहित्य सिनेमा से जुड़कर समाज को नई दिशा देता है- सुशीला टाकभौरे

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30 मार्च 2023, हिंदी एवं तुलनात्मक साहित्य विभाग, केरल केंद्रीय विश्वविद्यालय में प्लेसमेंट सेल के अंतर्गत 'हिंदी साहित्य का फिल्मी रूपांतरण' विषय पर विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विशिष्ट वक्ता के रूप में प्रसिद्ध महिला दलित चिंतक सुशीला टाकभौरे मौजूद रही। सुशीला टाकभौरे ने अपने विचार रखते हुए कहा कि कृति के फिल्मी रूपांतर में लेखक के साथ न्याय और अन्याय दोनों होता है। इस संदर्भ में उन्होंने डॉ. बाबा साहब भीमराव अंबेडकर पर बनी फिल्म का उल्लेख किया। इसके साथ ही हिंदी साहित्य की अनेक कृतियों जैसे तमस, झूठा सच, निर्मला, गबन, गोदान, सेवासदन, सूरज का सातवां घोड़ा, गुनाहों का देवता, तीसरी कसम, पति पत्नी और वो, काशी का अस्सी, यही सच है, शतरंज के खिलाड़ी, कोहबर की शर्त आदि रचनाओं पर बनी फिल्मों का उल्लेख करते हुए कहा कि साहित्य सिनेमा से जुड़कर समाज को नई दिशा देता है। हमारे देश में नारी जागृति पर बहुत कम फिल्में बनी है। समाज में अंतरजातीय विवाह को प्रोत्साहन मिलना चाहिए। रोटी व्यवहार के साथ बेटी व्यवहार भी प्रचलन में आना चाहिए। उन्होंने अपनी आत्मकथा 'शिकंजे का दर्...

परास्नातक छात्रा प्रियंका शुभदर्शी पति का 'शीतल षष्ठी : लोक नाट्य परंपरा' विषय पर आलेख प्रकाशित

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जनकृति पत्रिका में शोधार्थी धन राज का शोध पत्र 'कृषि और किसान आंदोलन' प्रकाशित

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उन्नीमाया और आतिरा ने सी. यू. के. वार्षिक एथलेटिक मीट-ऊर्जा 2023 में दिखाई अपनी प्रतिभा

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23-25  फरवरी 2023, केरल केंद्रीय विश्वविद्यालय   में वार्षिक एथलेटिक मीट-ऊर्जा 2023 का आयोजन किया गया जिसमें विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़ का हिस्सा लिया। एथलेटिक मीट की शुरुआत   नवोदय विद्यालय , पेरिया में   23 फरवरी 2023 को अपराह्न 3.00 बजे मार्च पास से   हुआ और केरल केन्द्रीय विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति श्री वेंकेटेश्वरलू ने इसका उद्घाटन किया। हिन्दी एवं तुलनात्मक साहित्य विभाग से उण्णिमाया के , आतिरा के , सरिका एम.वी , बलदाऊ यादव , सुरेंद्र कुमार आदि छात्र-छात्राओं ने इसमें   भागीदारी की तृतीय सेमेस्टर की छात्रा उन्नीमाया ने लॉन्ग जंप , ट्रिपल जंप , 400 मीटर दौड़ , 4×100 मीटर रिले और 4×400 मीटर रिले में प्रथम स्थान प्राप्त किया। वह महिला वर्ग में व्यक्तिगत चैम्पियन बनीं। इसके साथ ही तृतीय सेमेस्टर की छात्रा अतिरा. के ने 4×100 मीटर रिले और 4×400 मीटर रिले इवेंट में पहला स्थान हासिल कर हिन्दी विभाग का मान बढ़ाया।   आतिरा के लॉन्ग जंप और ट्रिपल जंप में भी हिस्सा लिया।   सारिका ने शॉट पुट , जेवलिन थ्रो और डिस्कस थ्रो प्रतियोगिताओं में...

भारत सरकार के विदेश मंत्रालय द्वारा 12वें विश्व हिंदी सम्मेलन में प्रतिनिधि के रूप में डॉ. सुप्रिया पी. ने की सहभागिता

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15-17  फ़रवरी  2023,  केरल केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए यह हर्ष और गौरव की बात रही जब भारत सरकार के विदेश मंत्रालय द्वारा इस हिंदी सम्मेलन में प्रतिनिधि के तौर पर विश्वविद्यालय के हिन्दी एवं तुलनात्मक साहित्य विभाग की सहायक आचार्य डॉ. सुप्रिया पी. को चुना गया। उनका इस विश्व हिंदी सम्मेलन में शामिल होना विश्वविद्यालय के लिए गौरवपूर्ण क्षण था। ‘केरल में हिंदी भाषा और साहित्य का विकास ’ विषय पर बोलते हुए उन्होंने भारतीय क्षेत्रों में भाषाई स्तर पर जो विविधता है उसको स्पष्ट करते हुए यह बताया कि किस प्रकार हिन्दी राष्ट्रों को प्रेम और एकता के सूत्र में बाँधने का कार्य कर रही है। केरल में हिंदी भाषा का प्रचार एवं प्रयोग, दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा और अन्य संस्थाओं का अहिन्दी प्रदेश में साहित्य एवं शिक्षण में योगदान का जिक्र करते हुए इस विकास यात्रा को चार सोपानों में उन्होनें प्रस्तुत किया। अंत में श्रोताओं का ध्यान आकर्षित करते हुए उन्होंने कहा कि अहिंदी प्रदेशों में जो कार्य हिंदी में हो रहा है उसको हिंदी की मुख्यधारा के साथ जोड़कर ही हिंदी को सशक्त किया जा सकता है। भाषा...