
07 फरवरी 2023, हिन्दी विभाग, केरल केन्द्रीय विश्वविद्यालय में ‘21वीं सदी की हिंदी कविता : स्थिति और गति’ विषय पर आमंत्रित व्याख्यान का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य वक्ता के रूप कालीकट विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त आचार्य प्रो. आर. सुरेन्द्रन ‘आरसु’ हिन्दी कविता पर अपने विचार रखते हुए अनेक कवियों जैसे राजकुमार कुंभज, मुक्तिबोध, केदारनाथ सिंह, लीलाधर जगूड़ी आदि की कविताओं का उदाहरण देते हुए आज की कविता की अंतर्वस्तु पर प्रकाश डाला। राजकुमार कुंभज मुसीबतों का मुकाबला करना जीवन की सफलता का रहस्य मानते थे। सोक्रेटिस पर चर्चा करते समय ‘यूत्स ऑफ द नेशन आर द ट्रस्टीस ऑफ प्रोस्पेरिटी’ का उदाहरण हमारे सामने रखा। महाभारत की घटनाएँ आज भी प्रासंगिक हैं और हमें आज के विकसित देशों से सावधान रहने की समझ कवियों द्वारा जनमानस में पैदा की जानी चाहिए। प्रो. आरसु ने कहा कि हम आज के इलेक्ट्रॉनिक युग की चीजों से मुक्त नहीं हो सकते। आज हम एकांत में रहते हुए भी एकाग्र नहीं हैं। इसका मूल करना तकनीक का विकास और मनुष्य की उस पर निर्भरता है। अज्ञेय का मानना था कि असंतुष्टि के भाव में ही कविता का जन्म होता है। कार्यक्रम के अंत में छात्रों द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब आरसु जी ने दिये। इसके साथ ही प्रो. आरसु ने हिन्दी विभाग को ‘अंधेरे से आलोक तक : परिचय इतना इतिहास यही’, ‘स्वातंत्र्योत्तर हिन्दी उपन्यास : स्वातंत्र्योत्तर उपन्यासों पर विदेशी संस्कृति और चिंतन का प्रभाव’, ‘कुछ आप बीती कुछ हिन्दी बीती’ और ‘मलयालम साहित्य : प्रतीक और प्रतिमान’ पुस्तक भेंट की। इस आमंत्रित व्याख्यान का अध्यक्षीय उद्बोधन हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रो. मनु ने दिया। डॉ. आरसु की धर्मपत्नी डॉ. प्रीता एम, मित्र वी राघवन और चंद्रशेखरन भी पूरे व्याख्यान के दौरान मौजूद थे। इसके अतिरिक्त हिन्दी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. तारु एस. पवार, डॉ. राम बिनोद रे, डॉ. धर्मेंद्र प्रताप सिंह, राजभाषा अधिकारी डॉ. अनीश कुमार, पुरातन छात्र दिलना के, नवमी एम, एम ए और पीएच डी के शोध छात्र मौजूद थे। कार्यक्रम का संयोजन हिन्दी विभाग की सहायक आचार्य डॉ. सुप्रिया पी., संचालन शोध छात्रा रचना तंगवर, अतिथि परिचय एम ए तृतीय सेमेस्टर की छात्रा संगीता एम और धन्यवाद ज्ञापन एम ए प्रथम सेमेस्टर की छात्रा श्राव्या वी ने किया।
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अध्यक्षीय वक्तव्य देते हिन्दी विभाग, केरल केन्द्रीय विश्वविद्यालय के अध्यक्ष प्रो. मनु |
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पुस्तक भेंट करते प्रो. आरसु
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मुख्य वक्ता का परिचय देते एम ए तृतीय सेमेस्टर की छात्रा संगीता एम |
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व्याख्यान प्रस्तुत कराते कालीकट विश्वविद्यालय के पूर्व अध्यक्ष प्रो. आरसु
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श्रोतागण |
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कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद प्रस्तुत करती एम ए प्रथम सेमेस्टर की छात्रा श्राव्या वी |
रिपोर्ट प्रस्तुति
श्राव्या वी
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