’हिंदी साहित्य में किसान’ विषय पर त्रिदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में विभागीय शोधर्थियों की सहभागिता और प्रपत्र प्रस्तुतीकरण
दिनांक 5, 6 और 7 मार्च 2024 को एट्टामनूर स्थित श्री शंकराचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय कोट्टायम की क्षेत्रीय शाखा में था ’ हिंदी साहित्य में किसान ’ विषय पर त्रिदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में केरल केंद्रीय विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के कुल 8 शोधार्थियों ने सहभागिता करते हुए प्रपत्र प्रस्तुत किए- धनराज - ‘21 वीं शताब्दी के प्रमुख हिन्दी उपन्यासों में किसान जीवन ’, प्रिया कुमारी - ‘ आंतरिक विस्थापन से पीड़ित ग्रामीण समाज और हिंदी कहानी ’, तरुण - ‘ किसान आत्महत्या के सामाजिक यथार्थ को अभिव्यक्त करती हिंदी कहानियां ’, आदित्य - ‘ काश्तकारों का मसाइल हिन्दी ग़ज़लों के तहत ’ बाबूलाल उरांव - ‘ हिंदी साहित्य में छोटे किसान के रूप में शोषित आदिवासी ’, मनोज बिश्वास - ‘ किसान जीवन में बदलाव की पडताल ’, प्रियंका जवंजाल - ‘ प्रेमचंद की कहानियों में दलित किसान ’ और योयी जामो - ‘ येसे दरजे थोंगछी के ‘ सोनाम ’ उपन्यास में अरुणाचल प्रदेश की याक चलवासी पशुचारण कृषि की समस्या ’ । साथ ही सत्र अध्यक्ष के रूप में केरल केंद्रीय विश्वविद्यालय के ( डा. ) प्रो. तारु एस...