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शोधार्थी रोहित जैन की पी. एचडी. मौखिकी सम्पन्न

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26 मई 2025, हिन्दी विभाग, केरल केन्द्रीय विश्वविद्यालय के शोधार्थी रोहित जैन  (Reg.  LHC071901) की पी. एचडी. मौखिकी सम्पन्न हुई। रोहित जैन ने हिन्दी विभाग की सहायक आचार्य डॉ. सीमा चंद्रन के निर्देशन में   'भाषा और संरचना की दृष्टि से विनोद कुमार शुल्क का कथा-साहित्य : एक अध्ययन' (A Study on Language and Structure of Vinod Kumar Shukl's Fiction) विषय पर अपना शोध कार्य पूर्ण किया। मौखिकी की अध्यक्षता तमिलनाडु केन्द्रीय विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग की प्रो. एस. वी. एस. एस. वी नारायण राजू ने की। मौखिकी के दौरान केरल केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति, हिन्दी विभागाध्यक्षऔर भाषा संकाय के अधिष्ठाता उपस्थित थे। 

हिन्दी विभाग में पी. एच. डी. मौखिकी सम्पन्न

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  18 दिसंबर 2024, हिन्दी विभाग, केरल केन्द्रीय विश्वविद्यालय के शोधार्थी  प्रभांशु शुक्ल  (Reg.  LHC071704) की पी. एचडी. मौखिकी सम्पन्न हुई। प्रभांशु शुक्ल ने हिन्दी विभाग की सहायक आचार्य डॉ. सुप्रिया पी के निर्देशन में ' राकेश कुमार सिंह के कथा साहित्य में आदिवासी अस्मिता और विद्रोह' ( Rakesh Kumar ke Katha Sahitya men aadivasi asmita aur vidroh) विषय पर अपना शोध कार्य पूर्ण किया। मौखिकी की अध्यक्षता दिल्ली विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग की प्रो. सुधा सिंह ने की। 

केरल ज्योति पत्रिका के विशेषांक ‘शोध धरोहर’ का विमोचन

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17 मार्च 2025, केरल केंद्रीय विश्वविद्यालय, ‘हिंदी एवं तुलनात्मक साहित्य विभाग’ द्वारा ‘शोध धरोहर’ (केरल ज्योति) विमोचन समारोह आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का संचालन एम. ए प्रथम वर्ष की छात्रा प्रत्युषा प्रमोद ने किया। इस कार्यक्रम की शुरुआत कुलगीत से हुई। स्वागत भाषण प्रो (डॉ) तारु एस पवार द्वारा दिया गया जिसमें आपने क्रमशः प्रभारी कुलपति प्रो विन्सेंट मेथ्यू, हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रो (डॉ) मनु, अकादमिक अधिष्ठाता प्रो अमृत जी कुमार, कुलसचीव डॉ एम मुरलीधरन, अधिष्ठाता प्रो जोसेफ कोइपल्ली, पूर्व अधिष्ठाता प्रो राजीव वी (मलयालम विभाग), आई. क्यू. ए. सी. निदेशक प्रो ए माणिकवेलु, डॉ सीमा चंद्रन, डॉ राम बिनोद रे एवं डॉ सुप्रिया पी का स्वागत किया। इसके पश्चात् दीप प्रज्ज्वलित किया गया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन प्रोफेसर विंसेंट मैथ्यू (प्रभारी कुलपति, केरल केंद्रीय विश्वविद्यालय) ने किया। आपने बताया कि केरल ज्योति पत्रिका को सिर्फ एक पत्रिका तक सीमित न रखा जाए, बल्कि इसे दक्षिण भारत की गिनी-चुनी पत्रिकाओं में से एक बनाया जाए। आपने विस्तार पूर्वक बताया कि ज्ञान को कैसे उद्घाटित किया जाए। इसके पश्...

दो-दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी द्वारा पर्यावरणीय विमर्श पर मंथन : हिन्दी एवं तुलनात्मक साहित्य विभाग का हरित संवाद

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           5-6 मार्च 2025 को , हिन्दी एवं तुलनात्मक साहित्य विभाग , केरल केंद्रीय विश्वविद्यालय द्वारा ‘हिंदी साहित्य में पर्यावरण : हरित संवाद’ विषय पर दो-दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी का उद्देश्य हिंदी साहित्य में पर्यावरणीय चेतना और हरित विमर्श को केंद्र में रखते हुए सार्थक संवाद स्थापित करना था। हरित संवाद की इस दो दिवसीय यात्रा में देशभर के दस से अधिक विश्वविद्यालयों से शोधार्थियों और विद्यार्थियों का प्रतिनिधित्व रहा और 38 से अधिक शोध प्रपत्र प्रस्तुत किए गए। दस से अधिक विषय विशेषज्ञों ने अपने ज्ञान से संगोष्ठी को समृद्ध करते हुए महत्वपूर्ण ज्ञानवर्धक वक्तव्य दिया। उदघाटन सत्र           प्रिया कुमारी (शोधार्थी , हिन्दी विभाग , केरल केन्द्रीय विश्वविद्यालय) द्वारा संचालित उदघाटन सत्र का शुभारंभ विश्वविद्यालय कुलगीत के साथ हुआ। प्रो. अमृत जी. कुमार (अकादमिक अधिष्ठाता) ने सहयोगी गणों के साथ दीप प्रज्वलन कर संगोष्ठी का उद्घाटन किया। प्रो. (डॉ.) तारु एस. पवार (हिन्दी विभाग , केरल ...