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पीएच. डी. शोधार्थियों की सत्रांत खुली प्रस्तुति (End Semester Open Presentation of Ph. D.)

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06 नवंबर 2024, हिन्दी विभाग, केरल केन्द्रीय विश्वविद्यालय में शोध मंच के अंतर्गत  विभाग के पीएचडी शोधार्थियों द्वारा सत्रांत खुली प्रस्तुति हुई जो इस प्रकार है-  1. जयलक्ष्मी साहू (7 वीं खुली प्रस्तुति) - ‘कुलभूषण का नाम दर्ज कीजिए उपन्यास का तथ्य विश्लेषण’ 2. बाबूलाल उरांव (द्वितीय खुली प्रस्तुति)- ‘हिन्दी तथा कुँड़ुख़ शब्द: समानताएँ एवं असमानताएँ ’ 3. प्रियंका जवंजाल (द्वितीय खुली प्रस्तुति)- ‘पत्रकारिता का अर्थ, परिभाषा, स्वरूप एवं प्रयोजन’ 4. घनश्याम कुमार (द्वितीय खुली प्रस्तुति)- ‘हिंदी पत्रकारिता के विकास में संस्थाओं की भूमिका’ 5. मनोज बिस्वास (प्रथम खुली प्रस्तुति)- ‘हिंदी बंगला उपन्यासों में आदिवासी जीवन के विविध आयामों का तुलनात्मक अध्ययन की रूपरेखा’  

पीएच. डी. शोधार्थियों की सत्रांत खुली प्रस्तुति (End Semester Open Presentation of Ph. D.)

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दिनांक 23अक्तूबर 2024, हिन्दी विभाग, केरल केन्द्रीय विश्वविद्यालय में शोध मंच के अंतर्गत विभागीय शोधार्थियों ने शोध सत्रांत खुली प्रस्तुति दी। इस दौरान शिक्षकों और शोधार्थियों का सवाल-जवाब और वार्तालाप हुआ।  प्रस्तुति करने वाले शोधार्थियों की सूची इस प्रकार हैं- 1. योयी जामो (द्वितीय खुली प्रस्तुति) -  “भाषा और समाज का अंतः संबंध”  2. घनश्याम कुमार (प्रथम खुली प्रस्तुति)- “शोध अध्ययन की रूपरेखा :  बिहार राष्ट्रभाषा परिषद की पत्रिका ‘परिषद पत्रिका का हिन्दी साहित्य में अवदान’ के संदर्भ में”  3. कल्पना (प्रथम खुली प्रस्तुति)- “21 वीं सदी के प्रमुख उपन्यास में बदलता- परिदृश्य :  रूपरेखा”  4. प्रदुन कुमार (प्रथम खुली प्रस्तुति- “हिन्दी उपन्यासों में चित्रित नौकरी- पेशा जीवन की रूपरेखा व संभावित अध्ययन योजना” 5. जयलक्ष्मी साहु- “सांप्रदायिकता से उपजी समस्याएँ” 6. शर्ली थॉमस- “रूपसिंह चंदेल की कहानियों में मानवतावादी संदेश”  रिपोर्ट लेखन- योयी जामो, शोधार्थी, हिन्दी विभाग, केरल केन्द्रीय विश्वविद्यालय